आचार्यश्री महाश्रमण जी का व्यक्तित्व विशिष्ट है

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आचार्यश्री महाश्रमण जी का व्यक्तित्व विशिष्ट है

बगुमुंडा।
आचार्यश्री महाश्रमण जी का षष्ठीपूर्ति एवं युगप्रधान समारोह मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में मनाया गया। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का व्यक्तित्व अपने आप में एक विशिष्ट व्यक्तित्व है। उनके जीवन में कितने-कितने गुणों का समावेश हुआ है। कोई भी व्यक्ति गुणों के आधार पर आगे बढ़ता है। आचार्यश्री महाश्रमण जी जीवन के प्रारंभ में ही गुणों का विकास करते रहे।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि अनेक जन्मों से जीव संसार में परिभ्रमण करता आ रहा है। जन्म कहाँ लेना व्यक्ति के हाथ में नहीं, परंतु जीवन कैसे जीना व्यक्ति पर निर्भर करता है। आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अपने जीवन का सार निकाला। सहज, सरल, सौम्य मधुरभाषी साधक पुरुष का नाम है-आचार्यश्री महाश्रमण। कार्यक्रम का शुभारंभ नीलम जैन के मंगलाचरण से हुआ। सभा अध्यक्ष जयप्रकाश जैन, महिला मंडल अध्यक्षा निर्मला जैन, कन्या मंडल कांटाभाजी, रिद्धि जैन, छत्रपाल जैन, ज्ञानशाला कांटाभाजी, ज्ञानशाला बगुमुंडा, उज्ज्वल जैन, महिला मंडल बगुमुंडा, संजय जैन ने गीत परिसंवाद एवं वक्तव्य द्वारा प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संयोजन केशव नारायण जैन ने किया।