षष्टीपूर्ति समारोह का आयोजन

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षष्टीपूर्ति समारोह का आयोजन

कांदिवली।
आचार्यश्री महाश्रमण जी का षष्टीपूर्ति दिवस साध्वी निर्वाणश्री जी एवं सहवर्ती साध्वीवृंद के सान्निध्य में मनाया गया। साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का व्यक्तित्व विलक्षण एवं बहुआयामी है। 12 वर्ष की उम्र में मुनि बने और अपनी विशिष्ट प्रतिभा एवं प्रबल पुरुषार्थ से विकास के सोपान चढ़ते रहे। प्रबुद्ध साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभाजी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी अनेक विशेषताओं के पुरुष हैं। वे अनुकंपा के क्षीरसमंदर एवं मानवता के महामंदर हैं। उनकी नयनों से बहती करुणा हर दुःखी मानस की पीर हर लेती है। साध्वी कुंदनयशाजी ने कविता के माध्यम से अपने भाव समर्पित किए। साध्वी लावण्यप्रभाजी ने अपने वक्तव्य द्वारा उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। साध्वी मधुरप्रभाजी ने सुमधुर गीत से सबका मन मोह लिया। महिला मंडल संयोजिका नीतू नाहटा ने अपने वक्तव्य एवं अशोक हिरण ने गीतिका द्वारा आचार्यश्री महाश्रमण जी के प्रति अपनी भक्ति समर्पित की। तेयुप अध्यक्ष मनीष रांका ने आचार्यश्री महाश्रमण जी को संकल्पों की भेंट देने एवं अभातेयुप की तपसेना आयाम से जुड़ने का निवेदन किया। संचालन महिला मंडल की सह-संयोजिका अलका पटावरी द्वारा किया गया।