गौरवशाली संघ हमारा
गौरवशाली संघ हमारा, गौरवशाली गणिवर।
उमड़ा खुशियों का सागर।
साध्वीप्रमुखा चयन दिवस पर भर गई दिल की गागर।
उमड़ा खुशियों का सागर।
छुपी शक्ति उजागर हो गई ठिकी दृष्टि शशघर की।
मिली रोशनी भामंडल से तेजस्वी भास्कर की
देख दृश्य नयनाभिराम, खिल गए भाग्य सिकंदर।।
बढ़ो चढ़ो शिखरों तक शुभ भावों की भेंट हमारी।
रहो निरामय करो शासना, तुम हो मंगलकारी।
धन्य हुई है चंदेरी और धन्य है मोदी परिकर।।
सहनशील गंभीर धीर और तपमय जीवन तेरा।
प्रखर पुण्य का उदय हुआ है, शोभित सिरपर सेहरा।
अभिवादन साध्वी मृदुला का झेलो शुभ अवसर पर।।
लय: जहाँ डाल-डाल पर---