वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन
राजाजीनगर।
मुनि अर्हत कुमार जी के सान्निध्य में अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा ‘वीतराग पथ’ कार्यशाला का आयोजन अभातेयुप सहमंत्री भूपेश कोठारी की अध्यक्षता में तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा वीतराग का अर्थ है-अधम से परम की ओर प्रस्थान। वीतराग का अर्थ है भवि आत्मा का सर्वोच्च पद। वीतराग का अर्थ बंधन से शाश्वत मुक्ति का संकेत। वीतराग वही बनता है जो संसार के स्वरूप को देख लेता है। जिस व्यक्ति को समझ आ गया संसार दुःख रूपी ज्वाला है, जिसमें आकर्षित होकर अनंत जीव भस्मीभूत हो गए समझ लो उसी दिन से उसका वीतराग पथ की ओर प्रस्थान हो गया। राग से वीतराग की ओर बढ़े जिसमें हमारी आत्मा को परमात्मा का दिव्य स्वरूप प्राप्त हो सके।
सहयोगी संत मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि पुण्य-पाप का होगा आभास-संसार में बढ़ता रहेगा प्रवास, करेंगे कर्मों का नाश, होगा जीवन का विकास। बाल संत जयदीप कुमार जी ने संयम पर प्रकाश डालते हुए गीत का संगान किया। सामुहिक नमस्कार महामंत्र से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। भिक्षु श्रद्धा स्वर के द्वारा विजय गीत का संगान किया गया। बैंगलोर ज्ञानशाला संयोजक जुगराज श्रीश्रीमाल के द्वारा श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया गया। राजाजीनगर तेरापंथ महिला मंडल एवं कन्या मंडल ने भिक्षु अष्टकम से मंगलाचरण किया। ज्ञानशाला के बच्चों के द्वारा संवाद प्रस्तुत किया गया। तेयुप अध्यक्ष मनोज मेहता ने सभी का स्वागत किया। अभातेयुप सहमंत्री-द्वितीय भूपेश कोठारी, राजाजीनगर सभा अध्यक्ष शांतिलाल पितलिया, मंत्री महावीर मेहता, महिला मंडल अध्यक्षा चेतना वेदमूथा, अभातेयुप प्रबुद्ध विचारक दिनेश पोखरणा, राजाजीनगर शाखा प्रभारी तेजराज चोपड़ा, सतीश पोरवाड़ ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर अभातेयुप ने नेत्रदान प्रभारी नवनीत मूथा, तेरापंथ टाइम्स संपादक दिनेश मरोठी, बैंगलोर तेयुप अध्यक्ष विनय बैद, मंत्री प्रवीण बोहरा, तेयुप राजाजीनगर के परामर्शक, प्रबुद्ध विचारक, मंत्री मंडल, युवा साथी, किशोर मंडल, कन्या मंडल एवं श्रावक-श्राविका समाज की अच्छी उपस्थिति रही। तेयुप मंत्री राजेश देरासरिया ने संचालन किया। कार्यशाला संयोजक पंकज बोहरा एवं सह-संयोजक सचिन हिंगड़ ने आभार व्यक्त किया।