आचार्यश्री तुलसी के अवदान बने रहें वरदान

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आचार्यश्री तुलसी के अवदान बने रहें वरदान

विशाखापट्टनम्
विशाखापट्टनम के ललिता नगर स्थित कोठारी भवन में तेरापंथ के नवम आचार्यश्री तुलसी का 26वां महाप्रयाण दिवस का आयोजन तेरापंथी सभा की ओर से मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में हुआ। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी जन-जन की श्रद्धा के केंद्र थे। वे जन-जन के हृदय में बसे हुए हैं। वे यौवन की उदय अवस्था में तेरापंथ के आचार्य बने। उन्होंने धर्मसंघ का सर्वांगीण विकास किया। आज उनके अवदान तो वरदान बन रहे हैं।
मुनिश्री ने आगे कहा कि आचार्यश्री तुलसी ने तीन महत्त्वपूर्ण रत्न संघ को दिए। आचार्यश्री महाप्रज्ञजी, आचार्यश्री महाश्रमण जी और साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी। आज हम आचार्यश्री महाश्रमण जी में आचार्यश्री तुलसी के दर्शन कर रहे हैं, बालमुनि काव्य कुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी तेरापंथ के विलक्षण आचार्य थे। बालमुनि ने गीत का संगान किया। कार्यक्रम का प्रारंभ महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण से किया। महासभा प्रभारी विमल कुंडलिया, सभा अध्यक्ष चंपालाल डूंगरवाल, महिला मंडल अध्यक्षा वंदना विनायकिया आदि ने विचारों के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। महिला मंडल की बहनों ने ‘महाप्राण गुरुदेव’ गीत का संगान किया। संचालन संदीप सेठिया ने किया।