‘परिवार के साथ कैसे रहें’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन
किलपॉक, चेन्नई।
मुनि सुधाकर जी के सान्निध्य में कुबेर हॉल किलपॉक में ‘परिवार के साथ कैसे रहें’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुनि सुधाकर जी ने कहा कि सात वार से भी बड़ा वार है-परिवार। जिस घर में माँ-बाप की शीतल छाँव होती है वह घर परिवार कहलाता है। परिवार में प्रेम, सौहार्द, अपनत्व, सामंजस्य, सहनशीलता और समन्वय का भाव होना चाहिए। परिवार की शांति जीवन की सफलता का महानतम सूत्र है। मुनिश्री ने आगे कहा कि जीवन को कलापूर्ण और सफल बनाने के लिए विषमता में भी समता से जीना सीखना जरूरी है। परिवार और समाज में नाना प्रकार के स्वभाव और संस्कार के व्यक्ति होते हैं। उस स्थिति में समता और सामंजस्य का अभ्यास बहुत जरूरी होता है। मुनि नरेश कुमार जी ने कहा कि घर में एक-दूसरे के प्रति विश्वास का भाव होना चाहिए, तर्क नहीं समर्पण होना चाहिए। इस अवसर पर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, माधवराम ट्रस्ट के मुख्य न्यासी घीसूलाल बोहरा, महिला मंडल की अध्यक्षा पुष्पा हिरण एवं विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी के साथ लगभग 400 व्यक्ति उपस्थित थे। परमार परिवार की बहनों ने मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सुमधुर प्रस्तुति दी।