ज्ञान रूपी शुद्ध साबुन, तप रूपी निर्मल जल, अंतर आत्मारूपी धोबी। इनसे निज गुण रूपी वस्त्र उजला हो जाता है। - आचार्य श्री भिक्षु
ज्ञान रूपी शुद्ध साबुन, तप रूपी निर्मल जल, अंतर आत्मारूपी धोबी। इनसे निज गुण रूपी वस्त्र उजला हो जाता है।