नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार
साध्वी जिनबाला
आपने अष्टम साध्वी प्रमुखा शासनमाता के बरतारे में सहयोगी बन खूब नजदीकी से शिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त किया एवं नेतृत्व के गुर सीखे हैं। उनका अनुसरण कर आप हमारी सार संभाल, सारण-वारण करते रहें और साध्वी समाज की चित्त समाधि में प्रतिपल योगभूत बनी रहें। हम आपकी शुभदृष्टि की आराधिका बन धर्मसंघ की प्रभावना करती रहें। ‘‘पदे-पदे सदानन्दः शक्ति स्रोतः पदे-पदे’’ इन्ही मंगल भावों के साथ---।