नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार
साध्वी धनश्री
आचार्य प्रवर महाश्रमणजी की पारदर्शिता अलौकिक है। साध्वी प्रमुखा पद की प्राप्ति अपने आप में गरिमामय है। आचार्यवर ने आपकी विलक्षण अर्हताओं का निरीक्षण किया है। आचार्यवर ने हमें निश्चिन्त बना दिया। मानों हमें एक अमूल्य धरोहर मिल गई। आपकी आत्मीयता सबके साथ जुड़ी हुई है। आपका समर्पण, उदारता, विनम्रता, मिलनसारिता, समयज्ञता अद्भुत है। आपका विकास चतुर्मुखी हैं। अनेक गुणों से आप परिमंडित हो। आपकी श्रमनिष्ठा अति प्रभावित करने वाली व अनुकरणीय है। गुरुदेव ने ऐसे व्यक्तित्व को साध्वी प्रमुखा पद से विभूषित करवाया है। यह गुरुदेव के व्यापक दृष्टिकोण का परिचायक हैं आपको प्रमुखा पद युगों-युगों तक मुबारक हो। बधाई-बधाई-बधाई, अभिनंदन।