नव मनोनीत साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रति हृदयोद्गार
साध्वी जिनरेखा
सति शेखरे! अपने दीक्षा दिवस परमपूज्य गुरुदेव ने धर्मसंघ को एक विशेष उपहार दिया है। उस दिन का स्वर्णिम प्रभात नई किरणों के साथ उदित हुआ है। पूरे धर्मसंघ में दीक्षा दिवस के उत्सव की आभा मनोनयन की विभा से निखर रही थी। संघ की नौंवी साध्वीप्रमुखाश्री के स्थान में आपका चयन प्रसन्नतादायी है। महासतिवरे! आप गुणों की भंडार है। आपकी प्रतिभा, पुरुषार्थ, धैर्य व सहनशीलता अनुकरणीय है। हम साध्वियोें की देखभाल करते हुए आप हममें भी उन गुणों को संप्रेषित करावें, यही मंगल कामना है। शासन को दीर्घकाल तक आपकी सेवाओं से उपकृत करते हुए आप आचार्यवर के सपनों में नवरंग भरें।