रूपांतरण शिल्पशाला कार्यशाला का आयोजन
कोयंबटूर।
अभातेममं के निर्देशानुसार तेममं द्वारा रूपांतरण शिल्पशाला के अंतर्गत ‘संयम’ की कार्यशाला एवं आचार्यश्री तुलसी के 26वें महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सर्वप्रथम शुरुआत मंगलाचरण श्री तुलसी अष्टकम् से कन्या मंडल की बेटियों द्वारा हुई। तत्पश्चात गीत का संगान किया गया। सामुहिक जप मधु बांठिया ने करवाया। अध्यक्ष मंजु गीड़िया ने आगंतुकों का स्वागत किया। निशा रांका ने आचार्यश्री तुलसी के जीवन का वक्तव्य सुनाया। रूपांतरण शिल्पशाला ‘संयम’ का अर्थ है आम-नियंत्रण, संयम, सुखी, शांत जीवन का आधार है एवं आहार, शरीर, इच्छाओं और वाणी के संयम के बारे में जानकारी दी।
मोनिका कोटेचा ने बताया कि कैसे हम अपने मन, वचन और काया को आत्म नियंत्रण कर सकते हैं। आचार्यश्री तुलसी पर लेख लिखने वालों में सर्वप्रथम स्थान हेमा भंसाली, द्वितीय स्थान उपासिकाएँ ललिता बरलोटा एवं सुशीला बाफना और तृतीय स्थान कन्या मंडल की रिद्धि पुगलिया ने प्राप्त किया। आखिर में अभिनव अंत्याक्षरी हुई, जिसमें अपराजिता नाहटा, उपाध्यक्ष रूपकला भंडारी और रुचिका बैद ने बखूबी खिलाया कि बहनों ने जोर-शोर से भाग लिया एवं कार्यशाला को और रोमांचक बना दिया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन मंत्री आरती रांका ने किया एवं कार्यक्रम का संचालन मुक्ता नखत ने किया।