अर्हम्
समणी हर्षप्रज्ञा
प्रत्येक व्यक्ति अनुशासन में रहकर ही गति-प्रगति कर सकता है। तेरापंथ धर्मसंघ में आचार्यों के अनुशासन में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति अध्यात्म के पथ पर आगे बढ़ सकता है। तेरापंथ धर्मसंघ का अनुशासन तो शिष्यों का गुरु के प्रति सहज-स्वीकृत अखंड विश्वास और आत्मिक ऋजुभाव का प्रतीक है। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी की अनुशासनमय चेतना का मैं अभिनंदन करती हूँ। आपका जीवन आत्मानुशासित है। आपकी नेतृत्व क्षमता बेजोड़ है। समय-प्रबंधन, आहार-संयम, श्रमनिष्ठा आदि विशेषताएँ उनकी अद्वितीय जीवनशैली है। आप लंबे समय तक हमारा नेतृत्व करते रहें, यही मंगलकामना-
खामोश बनकर जिसकी, हिफाजत हवा करे,
वो शमा क्या बुझे, जिसे खुद खुदा रोशन करे।।