पर्युषण महापर्वाराधना संपन्न
जलगाँव।
पर्युषण पर्व की आराधना उपासक प्राध्यापक निर्मल नौलखा एवं उपासक सूरजमल सूर्या की उपस्थिति में अणुव्रत भवन प्रांगण में संपन्न हुई। उपासक सूरजमल सूर्या ने पर्युषण पर्व की धर्माराधना में भगवान महावीर की जीवन गाथा का विवेचन कर आठ दिवसीय कार्यक्रम में खाद्य संयम दिवस, स्वाध्याय दिवस, सामायिक दिवस, वाणी संयम दिवस, अणुव्रत चेतना दिवस, ध्यान दिवस एवं अंतिम दिवस संवत्सरी महापर्व का महत्त्व विस्तार से समझाया।
क्षमायाचना दिवस पर विगत वर्ष में मन, वचन, काया द्वारा जाने-अनजाने हुई भूलों की शुद्ध अंतःकरण से प्राणी मात्र से क्षमायाचना का मूल्य समझाकर आत्मशुद्धि के महत्त्व को बताया। नन्हे-नन्हे बालकों ने भी उपवास व प्रवचन श्रवण का लाभ लिया। क्षमायाचना दिवस पर परम श्रद्धेय गुरुदेव एवं समस्त चारित्रात्माओं से क्षमायाचना कर सभी श्रावक-श्राविका समाज ने भी एक-दूसरे से एवं उपासक से खमतखामणा किया। क्षमापना दिवस पर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष जितेंद्र चोरड़िया, तेयुप अध्यक्ष सुदर्शन बैद, महिला मंडल अध्यक्षा नम्रता सेठिया, महासभा परिवार की तरफ से अनिल सांखला, ज्ञानशाला की तरफ से मुख्य प्रशिक्षिका विनीता समदरिया ने अपने भाव व्यक्त किए। उपासक का कृतज्ञता भाव के साथ साहित्य देकर सम्मान किया गया। संचालन सभा मंत्री नीरज समदड़िया ने किया।