अणुव्रत जीवनशैली कंकर को शंकर बनाती है
गांधीनगर।
अणुव्रत समिति द्वारा मुनि अर्हत कुमार जी के सान्निध्य में गांधीनगर स्थित तेरापंथ सभा भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्रोच्चार द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि जीवन एक संघर्ष है, जीवन आनंद यात्रा की अनुभूति है, जीवन एक चुनौती है, हर व्यक्ति अपने जीवन को जी रहा है। कोई कंकर बनकर कोई शंकर बनकर, कोई हँसते हुए तो कोई रोते हुए, पर यह जीना जीना नहीं होता। जीवन वही होता है जिसमें प्रसन्नता की अजò धारा बहती है।
आचार्यश्री तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन के द्वारा नव जागृति का शंखनाद किया। जीवन को बेस्ट बनाने के लिए नशामुक्त जीवन जीना चाहिए। मुनिश्री की प्रेरणा से अनेक युवकों ने नशामुक्ति का संकल्प लिया। मुनि भरत कुमार जी ने नशामुक्त रहने की प्रेरणा दी। बाल संत जयदीप कुमार जी ने गीत का संगान किया। शांतिलाल पितलिया ने सभी को मुनिश्री द्वारा प्रदत्त उपदेश को ग्रहण करने की प्रेरणा दी।