आत्मा में वापस लौटना ही है प्रतिक्रमण

संस्थाएं

आत्मा में वापस लौटना ही है प्रतिक्रमण

बालोतरा
अभातेममं के निर्देशानुसार तेममं के तत्त्वावधान में मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में रूपांतरण शिल्पशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय था-प्रतिक्रमण। सर्वप्रथम नमस्कार महामंत्र एवं प्रेरणा गीत का संगान किया गया। महिला मंडल अध्यक्षा निर्मला देवी संकलेचा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा कि प्रतिक्रमण पूरा विधि सहित किया जाए व भावों के साथ किया जाए तो उसका अलग ही महत्त्व होता है। चित्त की निर्मलता होती है एवं कर्मों की भी निर्जरा होती है। प्रतिक्रमण का अर्थ है-मानसिक शुद्धि। मानसिक, शारीरिक, अध्यात्मिक, भावनात्मक चारों ही लाभ होते हैं। कोषाध्यक्ष उर्मिला सालेचा ने अपने भाव व्यक्त किए। कार्यशाला में परामर्शक नारायणी देवी छाजेड़, पीपी देवी ओस्तवाल, लुणी देवी गोलेछा, उपाध्यक्ष चंद्रा बालड़, रानी बाफना सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार ज्ञापन मंत्री संगीता बोथरा ने किया।