विराट जैन महिला सम्मेलन
कोटा।
साध्वी अणिमाश्री जी एवं श्रमणसंघीय साध्वी श्यामा महाराज के सान्निध्य में तेममं के तत्त्वावधान में अणुव्रत भवन में विराट जैन महिला सम्मेलन ‘संवर्धन’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दिगंबर समाज, मंदिरमार्गी समाज, स्थानकवासी समाज एवं तेरापंथ जैन समाज के लगभग इक्कीस मंडलों की उपस्थिति रही। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि आज संपूर्ण जैन समाज की बहनों की विशाल उपस्थिति मन को प्रसन्नता प्रदान कर रही है। संवर्धन एक ऊर्जा है। जिस व्यक्ति के भीतर नेगेटिव एनर्जी होती है वह विध्वंस की ओर बढ़ता है। जिसके भीतर पोजिटिव एनर्जी होती वह सृजन करता है। संवर्धन पोजिटिव एनर्जी है। हम समता, ममता, क्षमता का संवर्धन करें जो हमारे व्यक्तित्व को निखारेगा। संस्कारों का संवर्धन करें, जो आपके भविष्य को शानदार बनाएगा। बच्चों की जीवन बगिया को सुवासित कर देगा।
साध्वी सुदर्शनप्रभा जी ने कहा कि संवर्धन के लिए जरूरी है हृदय को क्लीन रखें। गलतियों का करेक्शन करते रहें एवं साथ कनेक्शन रहें। साध्वी डॉ0 सुधाप्रभा जी ने संवर्धन के लिए फोर सी का फार्मूला दिया। क्रिटीसाइज न करें, करेक्टर अच्छा रखें। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने मंच का संचालन किया। साध्वी समत्वयशा जी ने गीत का संगान किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व महापौर डॉ0 रत्ना जैन ने कहा कि बच्चे वही सीखते हैं जो वो देखते हैं, जैन महिलाएँ दुनिया में सबसे ज्यादा शिक्षित होती हैं, जेंडर डिस्क्रिमिनेशन को मिटाने की पहल करने को कहा, उन्होंने अणुव्रत की विशालता एवं उसके महत्त्व के बारे में बताया।
महिला मंडल अध्यक्षा उषा बाफना ने स्वागत भाषण दिया। युवती बहनों ने वेलकम सॉन्ग की प्रस्तुति दी। महिला मंडल मंत्री सुनीता जैन, कार्यक्रम संयोजक हेमलता जैन, रचना सेठिया एवं कुसुम बोथरा ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। महिला मंडल ने संवर्धन गीत की प्रस्तुति दी।