संयम-एक युद्ध स्वयं के विरुद्ध’ कार्यशाला का आयोजन

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संयम-एक युद्ध स्वयं के विरुद्ध’ कार्यशाला का आयोजन

किशनगढ़।
तेरापंथ भवन में तेममं के तत्त्वावधान में ‘संयम-एक युद्ध स्वयं के विरुद्ध’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पूर्व अर्हत वंदना का समूह संगान हुआ। मुनि चैतन्य कुमार जी ‘अमन’ ने कहा कि भारतीय संस्कृति का प्राण तत्त्व है-संयम हम युद्ध करें स्वयं के विरुद्ध अर्थात् हमारे जीवन को नकारात्मक भावों, उनके विरुद्ध संयम के साथ डटे रहें। मुनि अमन कुमार जी ने कहा कि तपोबली, मनोबली और आत्मबली संयम कर सकते हैं। संयम की साधना से खुल जाते हैं मोक्ष के कपाट। अतः संयम से प्रत्येक समस्या का समाधान मिलता है।
मुनि सुबोध कुमार जी ने कहा कि संयम जीव हो अजीव सभी का अपेक्षित है। कार्यक्रम में महिला मंडल सदस्यों ने गीत का संगान किया। महिला मंडल अध्यक्ष अंजु छाजेड़ ने स्वागत में विचार रखे। मंत्री करुणा जैन, पूर्वाध्यक्ष नगीना गेलड़ा ने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में सामान्य प्रतियोगिता रखी गई। जिसमें 25 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष कविता गेलड़ा ने किया। मंत्री करुणा जैन ने आभार व्यक्त किया।