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सामायिक कार्यशाला का आयोजन
अमरनगर, जोधपुर।
शासनश्री साध्वी सत्यवती जी के सान्निध्य में तेयुप, सरदारपुरा द्वारा संस्कारकों की सौगात कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेयुप से जितेंद्र गोगड़ व सुनील बैद द्वारा गीतिका के संगान द्वारा किया गया। साध्वी शशिप्रभा जी ने सामायिक अनुष्ठान के बारे में कहा कि सामायिक समता की साधना है। समता के भाव से व्यक्ति प्रसन्न रह सकता है। समता की साधना के साथ आवश्यकता है संस्कारों के जागरण की।
साध्वी पुण्यदर्शन जी ने कहानी के माध्यम से बताया कि मानव जीवन की पहचान व्यक्ति के संस्कारों से होती है। कुछ संस्कार नैसर्गिक होते हैं और कुछ ग्रहण किए जाते हैं। शासनश्री साध्वी सत्यवती जी ने कहा कि व्यक्ति में समता के साथ संस्कारों का होना बहुत जरूरी है। भावी पीढ़ी संस्कारवान बने यह भी अपेक्षित है।