भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक दिवस के विविध आयोजन
हनुमंतनगर
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में तेयुप हनुमंतनगर के नेतृत्व में तेरापंथ भवन में प्रभु पार्श्व का जन्म कल्याणक विशाल जनमेदिनी के साथ मनाया गया। साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने कहा कि जैन शासन में अर्हत स्तुति का विशेष महत्त्व है। इस अवसर्पिणी काल में 24 तीर्थंकर हुए हैं, उसमें तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ प्रभु हैं। जिनका अतिशय महिमा प्रसिद्धि चमत्कार बहुत प्रचलित है। उनकी वाणी में करुणा, मधुरता और शांति की त्रिवेणी एक साथ प्रवाहित होती थी। साध्वी मेरूप्रभा जी, साध्वी मयंकप्रभा जी, साध्वी दक्षप्रभा जी ने पार्श्व प्रणति का संगान किया एवं कौन बनेगा त्याग तपोवन का राजा के लिए प्रेरणा दी।
मंगलाचरण महिला मंडल द्वारा पार्श्व प्रस्तुति की गई। विजय गीत का संगान तेयुप सदस्यों ने किया। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन सभा अध्यक्ष तेजमल सिंघवी ने किया। तेयुप अध्यक्ष महावीर चावत ने सभी का स्वागत किया। निवर्तमान अध्यक्ष धर्मेश कोठारी ने तेयुप हनुमंतनगर द्वारा प्रभु पार्श्व जन्म कल्याणक के अवसर पर एक नया आयाम कौन बनेगा त्याग तपोवन का राजा की विस्तृत जानकारी प्रदान कर साध्वीश्री जी के सान्निध्य में पुस्तक का विमोचन किया। गांधीनगर सभा के अध्यक्ष कमल सिंह दुगड़ ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में बैंगलुरु के विभिन्न सभाओं, तेयुप, महिला मंडल के पदाधिकारीगण, मंडिया सभा के पदाधिकारीगण एवं श्रावक समाज की उपस्थिति रही। आभार ज्ञापन उपाध्यक्ष ललित बाफना ने किया। संचालन तेयुप उपाध्यक्ष महावीर कटारिया ने किया।