संत समागम से मिलता है सच्चा सुख
राजगांगपुर (ओडिशा)
मुनि प्रशांत कुमार जी, मुनि कुमुद कुमार जी का राजगांगपुर आगमन पर तेरापंथ समाज की तरफ से मुनिद्वय का स्वागत-अभिनंदन किया गया। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि कांटाबाजी से विचरण करते हुए आज राजगांगपुर आना हुआ। संतों का आगमन उनकी सतसंगत सच्चाई का बोध कराती है। संत उपदेश से सच्चा सुख मिलता है। भौतिक पदार्थ से साधन की प्राप्ति हो जाती है। शांति-सुकुन तो साधना से ही मिलता है।
भारतीय संस्कृति ऋषि-मुनियों की रही है, वे तप-त्याग का जीवन जीते हुए आत्मसंयम, इंद्रिय संयम की प्रेरणा देते हैं। जीवन में मानवता का विकास होना चाहिए तभी जीवन की सार्थकता है। राजगांगपुर में तेरापंथ समाज के परिवार बहुत कम हैं, लेकिन भक्ति-भावना, उत्साह बहुत है। यहाँ के छोटे-बड़े सभी श्रावकों में धर्म के प्रति भावना बनी रहे। हेमंत, रोहित की सेवा भावना, जागरूकता अनुकरणीय है।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि साधु आत्मकल्याण के साथ पर-कल्याण भी करता है। जनमानस को आध्यात्मिकता की प्रेरणा देने के लिए गाँव-गाँव विचरण करते हैं। साधु आपके द्वार आए यह आपका सौभाग्य हैं। उनके पास जाकर कुछ सीखने, जानने का प्रयास करना चाहिए। रोहित जैन ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ वंदिता जैन के मंगलाचरण से हुआ। महिला मंडल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। नगर प्रवेश पर राउरकेला श्रावक समाज भी उपस्थित रहा। रैली में पुलिस-प्रशासन का सहयोग प्राप्त हुआ।