भगवान महावीर जयंती पर
साध्वी जिनप्रभा
महावीर का नाम सारे जग का सहारा।
जिसने नाम जपा भव सागर से पा लिया किनारा।।
माता त्रिशला कोख से जन्मे दिव्य दिवाकर,
नृप सिद्धार्थ वंश में लाए वृद्धि शुभंकर,
वर्द्धमान है वर्द्धमान है गूँज उठा जयनारा।।
शुक्ला तेरस चैत्र की सदा-सदा को धन्य हुई,
वीर प्रसूता वसुंधरा भारत की कृतपुण्य हुई,
इस मिट्टी में जन्में हम भी हैं सौभाग्य हमारा।।
जाति, वर्ग का भेद नहीं वीर के संदेश में,
हर कोई अपना सके रहे किसी परिवेश में,
कोई भी कर सका नहीं नभ धरती का बँटवारा।।
दर्शन है महावीर का आत्म विजय ही जीत है,
सव्वभूय खेमंकरी मैत्री का संगीत है,
अनेकांत की दीपशिखा हरती आग्रह अंधियारा।।
लय: जनम-जनम का साथ---