द पाॅवर आॅफ साइलेंस शिल्पशाला का आयोजन
टी-दासरहल्ली।
अभातेममं के निर्देशानुसार टी-दासरहल्ली तेममं द्वारा द पाॅवर आॅफ साइलेंस कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ सभा भवन में हुआ। कार्यशाला का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र द्वारा हुआ। अध्यक्षा रेखा मेहर ने सबका स्वागत किया और मौन का संकल्प भी करवाया। सोनल कुंकुलोल ने कहा कि साइलेंस का मतलब ये नहीं कि मौन रहें, बोलना भी जरूरी है पर हमारे बोल पर नियंत्रण रखकर बोलें तो सबको फायदा होगा, एक राजा और शिष्य की कहानी भी सुनाई।
कन्या मंडल प्रभारी सोनिया पोखरना ने कहा कि अमीर घर की लड़की का अपने मौन संकल्प पर नियंत्रण रखने से कैसे जीवन सफल हुआ। देवरानी-जेठानी की कहानी भी सुनाई। प्रिया पितलिया ने कहा कि मौन रखने से पाचन क्रिया अच्छी रहती है। कोषाध्यक्ष नम्रता पितलिया ने कहा कि जैसे कमान से निकला हुआ तीर वापस नहीं आ सकता वैसे ही बोले हुए बोल वापस नहीं लिए जाते इसलिए तोल-मोल के बोलें।
उपाध्यक्ष नेहा चावत ने एक कविता के माध्यम से मौन का महत्त्व समझाया। बहनों की सुंदर प्रस्तुति को उपहार से पुरस्कृत भी किया। प्रथम सोनल, द्वितीय नम्रता, तृतीय सोनिया रहे। कार्यशाला का संचालन उपाध्यक्ष नेहा चावत ने किया। कोषाध्यक्ष नम्रता पितलिया ने आभार व्यक्त किया।