‘मंजिलें’ कार्यशाला का आयोजन

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‘मंजिलें’ कार्यशाला का आयोजन

उत्तरपाड़ा।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में व अभातेममं के निर्देशानुसार और स्थानीय तेममं के तत्त्वावधान में मंजिलें कार्यशाला का आयोजन संपतमल बाफना के निवास स्थान पर हुआ। जिसमें भाई-बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति मंजिल प्राप्त करना चाहता है, मंजिल उसी को प्राप्त होती है जिसका लक्ष्य सम्यक् होता है। जिसका मनोबल, मजबूत होता है, उत्साह का भाव होता है, दृढ़ संकल्प होता है। मुनिश्री ने आगे कहा कि जैन दर्शन के अनुसार हमारा लक्ष्य होना चाहिए वीतरागता। वीतराग
का अर्थ है राग-द्वेष से मुक्ति। जो आत्मा कषाय से मुक्त होती है वह पूर्ण वीतराग कहलाती है। व्यक्ति निषेधात्मक भावों से बचे। सकारात्मक ऊर्जा से व्यक्ति इच्छित मंजिल की ओर कदम बढ़ा सकता है। मुनि कुणाल कुमार जी ने मधुर गीत सुनाया। तेममं की बहनों ने प्रेरणा गीत गाया और सीमा गिडिया ने विचार रखते हुए आभार व्यक्त किया। मुनिश्री के सान्निध्य में पाॅवर आॅफ साइलेंस कार्यशाला का भी आयोजन हुआ।