मंत्री मुनि सुमेरमल ‘लाडनूं’

स्वाध्याय

मंत्री मुनि सुमेरमल ‘लाडनूं’

धर्म बोध
भाव धर्म

प्रश्न 21 : अजीवाश्रित पारिणामिक के कितने भेद हैं?
उत्तर : अजीवाश्रित पारिणामिक के दस भेद हैं-
(1) बंधन, (2) गति, (3) संस्थान, (4) भेद, (5) स्पर्श, (6) रस, (7) गंध, (8) वर्ण, (9) अगुरुलघु, (10) शब्द।

प्रश्न 22 : क्या छठा भाव भी होता है?
उत्तर : छठे भाव का भी आगमों में उल्लेख मिलता है। वह है सान्निपातिक। इसे सांयोगिक भी कहते हैं। उदय, उपशम, क्षय, क्षयोपशम व पारिणामिक भावों के द्विक् संयोग, त्रिक् संयोग, चतुष्क संयोग व पाँच संयोग से निष्पन्न होते हैं।

प्रश्न 23 : सान्निपातिक के कितने भंग हो सकते हैं?
उत्तर : सान्निपातिक के 26 भंग होते हैं।
द्विक् संयोग के दस भंग होते हैं-(1) औदयिक, औपशमिक, (2) औदयिक, क्षायिक, (3) औदयिक, क्षायोपशमिक, (4) औदयिक, पारिणामिक, (5) औपशमिक, क्षायिक, (6) औपशमिक, क्षायोपशमिक,
(7) औपशमिक, पारिणामिक, (8) क्षायिक, क्षायोपशमिक, (9) क्षायिक, पारिणामिक, (10) क्षायोपशमिक, पारिणामिक।
त्रिक् संयोग के दस भंग होते हैं-(1) औदयिक, औपशमिक, क्षायिक, (2) औदयिक, औपशमिक, क्षायोपशमिक, (3) औदयिक, औपशमिक, पारिणामिक, (4) औदयिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, (5) औदयिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, (6) औदयिक, क्षायोपशमिक, पारिणामिक, (7) औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, (8) औपशमिक, क्षायिक, पारिणामिक, (9) औपशमिक, क्षायोपशमिक, पारिणामिक, (10) क्षायिक, क्षायोपशमिक, पारिणामिक।
चतुष्क संयोग के पाँच भंग होते हैं-(1) औदयिक, औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, (2) औदयिक, औपशमिक, क्षायिक, पारिणामिक, (3) औदयिक, औपशमिक, क्षायोपशमिक, पारिणामिक, (4) औदयिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, पारिणामिक, (5) औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, पारिणामिक।
पाँच संयोग का एक भंग है-(1) औदयिक, औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, पारिणामिक।
(क्रमश:)