ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव
तिरुकल्लीकुंड्रम।
तेरापंथ महासभा के तत्त्वावधान में ज्ञानशाला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव तिरुकल्लीकुंड्रम में साध्वी लावण्यश्री जी के सान्निध्य में मनाया गया। पहली बार श्रीपेरंबदूर, वालाजाबाद, विल्लुपुरम व तिरुकल्लीकुंड्रम ज्ञानशाला ने एक साथ मिलकर वार्षिकोत्सव मनाया। साध्वी लावण्यश्री जी ने नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत की। स्वाति बरोला ने सभी का स्वागत किया। तिरुकल्लीकुंड्रम प्रशिक्षकों ने मंगलाचरण गीत गाया। श्रीपेरंबदूर, वालाजाबाद, विल्लुपुरम, तिरुकल्लीकुंड्रम के ज्ञानार्थियों ने मिलकर ज्ञानशाला गीत का संगान किया। शेष तमिलनाडु एवं केरल के संयोजक एवं तिरुकल्लीकुंड्रम ज्ञानशाला के संयोजक विमला दुगड़ ने अतिथियों का परिचय दिया और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
श्रीपेरंबदूर ज्ञानशाला से नुपुर सोलंकी ने वहाँ की रिपोर्ट दी तथा मुनि अतिमुक्तक की दीक्षा पर प्रस्तुति दी। छोटे बच्चे अधविक ने कविता सुनाई। वालाजाबाद ज्ञानशाला प्रशिक्षिका ममता धारीवाल तथा ज्ञानार्थी ने मिलकर ईष्र्या पर लघु नाटिका, विल्लुपुरम व वलनुर की प्रशिक्षिका ने भाषण दिया। साध्वी सिद्धांतश्री जी ने ज्ञानशाला ज्ञानार्थी को माग्रदर्शन देते हुए बहुत सी बातें समझाई। अनीता चोपड़ा ने कहा कि ज्ञानशाला आने से बच्चों में संस्कार पल्लवित होते हैं। कमलेश बाफना ने ज्ञानार्थी को महत्त्वपूर्ण बातें बताई। साध्वी लावण्यश्री जी ने कहा कि जितना प्रशिक्षकों का संस्कार निर्माण में हाथ है उतना ही अभिभावकों का बच्चों के निर्माण में है। स्थानीय पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल खाटेड़ ने अपनी भावना व्यक्त की। तिरुकल्लीकुंड्रम ज्ञानशाला को सुचारु रूप से चलाने में श्रावक चंपालाल दुगड़ का पूरा योगदान है। मंच संचालन किरण दुगड़ ने किया व धन्यवाद ज्ञापन सरिता बरोला ने किया।