श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

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श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

हिसार।
मौन साधिका शासनश्री साध्वी राजकुमारी जी, शासनश्री साध्वी यशोधरा जी, साध्वी संयमप्रभा जी, साध्वी प्रेमलता जी, डाॅ0 साध्वी शुभप्रभा जी के सान्निध्य में शासनश्री रमाकुमारी जी की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। मौन साधिका शासनश्री साध्वी राजकुमारी जी ने कहा कि हमारी संसारपक्षीया सबसे छोटी बहन साध्वी रमाकुमारी जी कार्यकुशल, रचनाकार, लेखिका एवं गायिका थी। वह बहुत विनम्र थी। हम तीनों के सामने उन्होंने कभी भी जबाव नहीं दिया। वे मेरी साधना में बहुत योगभूत बनी। हमें निश्चिंत रखती थीं। सारा कार्य तत्परता से कर लेती थी। उनके जाने से हमें उनकी कमी महसूस हो रही है। उनकी चेतना ऊध्र्वारोहण करती रहे। वो सिद्ध, बुद्ध, मुक्त हों, ऐसी कामना करती हूँ।
शासनश्री साध्वी जयश्री जी ने कहा कि साध्वी रमाकुमारी जी का जीवन हीरे जैसा था। वे आयुर्वेद की एवं स्वर विज्ञान की वेत्ता थी, प्रबुद्ध थी। पर कोई भी काम बिना दिखाए, बिना पूछे नहीं करती। उम्र में मुझसे छोटी होते हुए भी पहले चली जाएगी यह हमने नहीं सोचा था। वह सब कामों की जिम्मेदारी स्वयं रखती थी। शासनश्री साध्वी यशोधरा जी ने अपना लिखित संदेश प्रदान किया। साध्वी प्रेमलता जी की ओर से साध्वी लोकप्रभा जी ने कहा कि साध्वी रमाकुमारी जी की अनेक पुस्तकें हैं पर स्वर विज्ञान की पुस्तक बहुत उपयोगी है। साध्वी लाघवप्रभा जी ने मधुर गीत का संगान किया।
साध्वी शुभप्रभा जी ने कहा कि ‘मीठी बोली खुला हाथ: सारा जहाँ आपके साथ’ यह साध्वी रमाकुमारी जी का परिचय है। आगंतुक को समय देती, समस्या समाधान करती। उनकी खास विशेषता जो मुझे लगी वह यह है कि उनमें प्रायश्चित का मनोभाव था। उनका मनोबल सुदृढ़ था, गजब की स्फूर्ति थी। उनके द्वारा रचित प्रेषित मंगल दोहे के संदर्भ में 5 मार्च को प्राप्त पूज्यप्रवर के मंगल संदेश का वाचन साध्वीश्री जी ने किया तथा उनके अनेक गुणों का वर्णन साध्वी शुभप्रभा जी ने गीत के माध्यम से किया।
शासनश्री साध्वी नीतिश्री जी, साध्वी ऋजुयशा जी, साध्वी अमृतयशा जी, साध्वी कांतयशा जी, साध्वी मंदारयशा जी, साध्वी अनन्यप्रभा जी ने वक्तव्य, गीत के माध्यम से अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। सभाध्यक्ष संजय जैन, चिकित्सा प्रभारी श्यामसुंदर जैन, सभामंत्री गौरव जैन ने साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी के संदेश का वाचन किया। अणुव्रत समिति के कुंदनलाल, डाॅ0 मीनाक्षी बंसल, नीरज जैन, महिला मंडल अध्यक्षा योगिता जैन ने भावाभिव्यक्ति दी।
महिला मंडल की सुमन, सुधा, विजया, रेणु आदि बहनों ने आर्यनगर में स्थित साध्वी प्रशमरति जी आदि साध्वियों द्वारा रचित गीत का संगान किया। शासनश्री साध्वी यशोधरा जी एवं साध्वी कांतयशा जी द्वारा रचित गीत का साध्वीवृंद ने संगान किया। कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ श्रावक मास्टर नंदलाल जैन ने किया। उपस्थिति उल्लेखनीय रही।