अर्हम

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मुनि जम्बू कुमार (मिंजूर)

बहुश्रुत, आगम मनीषी, मुनिवर महेंद्र कुमार।
आध्यात्मिक पथदर्शक, मुनिवर महेंद्र कुमार।।

मुंबई में जन्म लिया, जेठा सूरज आँगन,
बीएससी पारंगत, हर्षित झवेरी सदन।
भुज कच्छ के वासी, मुनिवर महेंद्र कुमार।।

उन्नीस सौ सत्तावन, गुरु तुलसी कर दीक्षा,
शिक्षण व प्रशिक्षण से, पाते नित नव ईक्षा।
प्रेक्षा के प्राध्यापक, मुनिवर महेंद्र कुमार।।

दिव्यात्मा पुण्यात्मा, शम सम श्रम मय जीवन,
आगम अनुसंधाता, अनुभव-युत अनुशीलन।
वक्ता, वेत्ता, ज्ञाता, मुनिवर महेंद्र कुमार।।

गुरुत्रय की अनहद थी, करुणा दृष्टि प्यारी,
इतनी क्या जल्दी थी, स्वागत की थी बारी।
क्यूँ छोड़ चले सबको, मुनिवर महेंद्र कुमार।।

लय: होठों से छू लो तुम----