स्वर्गीय मुनि महेंद्र कुमार जी के प्रति शुभकामना
शासनश्री साध्वी रतनश्री, साध्वी सुव्रता
दिनांक 6 अप्रैल को (श्रावकों द्वारा ज्ञात हुआ कि आगम मनीषी मुनि महेंद्र कुमार जी का मुंबई में स्वर्गवास हो गया) सुनते ही अनुभूति हुई कि आप एक श्रमनिष्ठ, श्रद्धानिष्ठ एवं विशिष्ट प्रतिभाशाली मुनि थे। आपके स्वर्गवास से एक अपूरणीय क्षति हुई है। आधुनिक विज्ञान, गणित आदि विषयों का तलस्पर्शी ज्ञान आपके पास था। तेरापंथ धर्मसंघ में 6 दशकों से जैन आगमों का शोधपूर्ण वैज्ञानिक संपादन आचार्यश्री
तुलसी, आचार्यश्री महाप्रज्ञ एवं वर्तमान आचार्यश्री महाश्रमण जी की पुण्य सन्निधि में सतत् गतिमान हैं। उस महत्तम कार्य में मुनि महेंद्र कुमार जी भी कुछ अंशों में जुड़े रहे हैं। आपका विश्रुत नाम प्रोफेसर मुनि महेंद्र कुमारजी था। तेरापंथ धर्मसंघ एक प्राणवान धर्मसंघ है। इसका आधार है एक आचार्य, एक मर्यादा एवं एक अनुशासन और एक व्यवस्था। संघ के नाभिकीय केंद्र हैं-आचार्य। उनके आज्ञा निर्देश के अनुसार चलने वाले हैं-साधु-साध्वी। वे पूर्ण रूप से समर्पित बनकर संघ के विकास के लिए हर क्षण कटिबद्ध रहते हैं। इसकी निष्पत्ति है इस अल्प संख्या वाले संघ ने विकास के शिखरों को छुआ है।
मुनि महेंद्र कुमार जी ने प्रलंब यात्रा, साहित्य लेखन, प्रवचन पटुता से इस संघ की सौरभ को दिगदिगंत में फैलाया है। अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान आदि का विशिष्ट कार्य किया है। मैं यही कामना करती हूँ कि उनकी आत्मा उत्तरोत्तर गति-प्रगति करती हुई मोक्ष का वरण करे।