भगवान महावीर के सिद्धांत वर्तमान में प्रासंगिक हैं

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भगवान महावीर के सिद्धांत वर्तमान में प्रासंगिक हैं

तिरुपति।
आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर के जैन मंदिर में भगवान महावीर के 2622वें जन्म कल्याणक समारोह का आयोजन मुनि दीप कुमार जी एवं मूर्तिपूजक संप्रदाय के आचार्य श्रीमद् विजय तीर्थ भद्रसुरीश्वरजी के शिष्य मुनि तीर्थ बोधिविजय जी के संयुक्त सान्निध्य में श्री जैन संघ तिरुपति एवं विजयनगर, बैंगलोर सभा द्वारा हुआ। कार्यक्रम में उपस्थिति अच्छी रही। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि विश्व में अनेक व्यक्ति जन्म लेते हैं, पर सबकी जयंतियाँ नहीं मनाई जाती। जयंतियाँ उनकी मनाई जाती है जो अंधकार में निमग्न संसार को सत्य का प्रकाश दिखाते हैं। भगवान महावीर ऐसे ही महापुरुष थे।
मुनिश्री ने आगे कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत वर्तमान युग में प्रासंगिक हैं। अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत। मुनि तीर्थबोधिविजय जी ने कहा कि भगवान महावीर का जन्म कल्याणक हमें प्रभु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर दे रहा है। कार्यक्रम में तिरुपति की तेरांपथी बहनों ने गीत का संगान किया। पवन सिंघी, नवरत्न सिंघी, महावीर बाफना, आदिश गादिया, सभा अध्यक्ष विजयनगर-बैंगलोर के प्रकाश गांधी, तेयुप अध्यक्ष विजयनगर श्रेयांस गोलछा, तेममं मंत्री विजयनगर सुमित्रा बरड़िया, अक्षरा बाबेल आदि ने अपने-अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन बाल मुनि काव्य कुमार जी ने किया।