स्मृति सभा का आयोजन

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स्मृति सभा का आयोजन

छापर।
आगम मनीषी मुनि महेंद्रकुमारजी के देवलोकगमन के उपरांत स्मृति सभा का आयोजन किया गया। जिसमें शासनश्री मुनि विजयकुमार जी ने कहा कि मुनि महेंद्रकुमारजी तेरापंथ धर्मसंघ के एक देदीप्यमान संत थे। 20 वर्ष की उम्र में मुंबई यूनिवर्सिटी से बी0एस0सी0 ओनर्स करके आचार्यश्री तुलसी के करकमलों से उन्होंने दीक्षा ली। उनके जीवन में अध्यात्म और विज्ञान दोनों का दर्शन होता था। उनका समय प्रबंधन अनुकरणीय था। अनेक भाषाओं के वे जानकार थे। आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने उनको आगम मनीषी अलंकरण से अलंकृत किया।
आचार्यश्री महाश्रमण जी ने उनको सम्माननीय बहुश्रुत परिषद् के संयोजक घोषित किया। जैन विश्व भारती मान्य विश्वविद्यालय के मानद प्रोफेसर के रूप में उन्होंने अनेक वर्षों तक अपनी सेवाएँ दीं। संत परंपरा में उनका एक विशेष स्थान था। इसी 6 अप्रैल को 85 वर्ष की उम्र में वे मुंबई में दिवंगत हो गए। हम उनके गुणों की स्मृति ही नहीं, अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें। मुनिवर की स्मृति में शासनश्री मुनि विजयकुमार जी ने गीत भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरुआत तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुई। मुनि हेमराज जी, जीवनमल मालू, सूरजमल नाहटा, हुलासमल चोरड़िया, रेखाराम गोदारा, मंजु दुधोड़िया ने मुनिश्री के व्यक्तित्व व कर्तृत्व पर प्रकाश डाला। तेरापंथ सभा प्रवक्ता प्रदीप सुराणा ने संयोजन किया व मुनि महेंद्रकुमारजी का जीवन परिचय दिया।