शरीर में बीमारी आने के पहले आभामंडल में आती है

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शरीर में बीमारी आने के पहले आभामंडल में आती है

कांकरोली।
भारतीय पर्व में होली का त्योहार अपने आपमें एक गरिमामय एवं महिमा मंडित पर्व है। भीतर के स्नेह एवं वात्सल्य को बाहर लाने का पर्व है होली। भीतर के तनाव एवं कुंठा को दूर करने का पर्व है होली। जैन धर्म के अनुसार जैसा भीतर आव होता है वैसा उसका ओरा होता है। रंगों के ध्यान से आभामंडल पवित्र एवं निर्मल होता है। उक्त विचार मुनि संजय कुमार जी ने व्यक्त किए। इससे पूर्व मुनि प्रकाश कुमारजी ने चैतन्य केंद्रों पर मंत्र प्रेक्षा के प्रयोग करवाए तथा मुनि सिद्धप्रज्ञजी ने आभामंडल एवं रंग विज्ञान की जानकारी देते हुए कहा कि हमारा ओरा हमारे बारे में वो भी जानता है जो हम भी नहीं जानते। शरीर में बीमारी आने के 3 माह पहले बीमारी हमारे आभामंडल में आ जाती है। आदमी के मरने के 45 दिन पहले उसका आभामंडल मरना शुरू हो जाता है। उन्होंने लेश्या ध्यान के प्रयोग भी करवाए। तेरापंथ सभाध्यक्ष प्रकाश सोनी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। योग प्रशिक्षक विनोद बोहरा का सराहनीय सहयोग रहा।