आचार्यश्री महाश्रमण जी के दीक्षा दिवस के आयोजन
रोहिणी, दिल्ली
साध्वी डॉ0 कुंदनरेखा जी के सान्निध्य में दीक्षा अमृत महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर तेरापंथी सभा अध्यक्ष विजय जैन, दिल्ली सभा के मंत्री संजीव जैन, मुख्य रूप से उपस्थित थे। साध्वीश्री जी ने कहा कि करुणा की मूरत है महाश्रमण, समता की सूरत है महाश्रमण, संयम अनुत्तर है उस महापुरुष का, गुणों की कीरत है प्रभु महाश्रमण।आचार्यश्री महाश्रमण जी का व्यक्तित्व, कर्तृत्व और नेतृत्व विलक्षण है। साध्वी सौभाग्ययशा जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का इंद्रिय संयम, वाणी संयम, खाद्य संयम एवं उपशम कषाय अनुपम है। जो वर्तमान में कार्यक्रम का महात्मा बुद्ध की याद दिलाती है। साध्वी कल्याणयशा जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी की स्थितप्रज्ञता बेजोड़ है, हर कार्य में समय नियमन अनुपम है, उनकी दृष्टि और वाणी का संयम अनुत्तर है। साध्वी कर्तव्ययशा जी ने कहा कि आचार्यश्री के व्यक्तित्व को किसी उपमा से उपमित नहीं किया जा सकता। विमला सुराणा, राजू राखेचा, ममता डागा तथा निर्मला बैद ने गीत का संगान किया। सुशीला पुगलिया ने महाश्रमण अष्टकम् द्वारा मंगलाचरण किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी कल्याणयशा जी ने किया।