मुनि शांतिप्रिय ने संथारा ग्रहण किया

संस्थाएं

मुनि शांतिप्रिय ने संथारा ग्रहण किया

भीलवाड़ा।
जैन साधक का अंतिम मनोरथ रहता है संथारा। संथारा यानी आजीवन अन्न का त्याग, जैन धर्म में संथारे का सर्वाधिक महत्त्व है। श्रावक हो या साधु सभी की अंतिम इच्छा रहती है कि मेरे जीवन में संथारा या संलेखना आ जाए। इसी लक्ष्य से ओतप्रोत होकर देवरिया निवासी डीसा प्रवासी शांतिलाल बोरदिया ने 2008 में 72 वर्ष की उम्र में आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी से जयपुर चातुर्मास में अपने विशाल एवं संपन्न परिवार को छोड़कर मुनि दीक्षा ग्रहण कर 15 वर्षों तक पदविहार कर आत्मकल्याण के साथ जन कल्याण का काम किया। 88 वर्षीय मुनि शांतिप्रिय ने आचार्य महाश्रमण जी की अनुमति से उच्च मनोभाव से दिनांक 27 मई, 2023 को तिविहार संथारा ग्रहण किया। मुनि पारस कुमार जी ने संतों एवं समाज की उपस्थिति में मुनि शांतिप्रिय को आजीवन अनशन कराया।
मुनिश्री की सेवा में हिसार से मुनि पदम कुमार जी एवं कांकरोली से मुनि सिद्धप्रज्ञ जी ने यथाशीघ्र पहुँचकर बड़ी जिम्मेदारी एवं जागरूकता से अगलाव भाव से शांति मुनि जी की सेवा कर रहे हैं। संथारे के तीसरे दिन शासनश्री मुनि हर्षलाल जी एवं मुनि यशवंत कुमार जी शास्त्री नगर से विहार कर आर0सी0 व्यास कॉलोनी में जयाचार्य भवन पधार कर शांति मुनिश्री को दर्शन देकर उन्हें जीवन में लगी कोई भी दोष अतिचार की आलोयणा अर्थात् प्रायश्चित देकर शुद्ध किया।
इस अवसर पर तपस्वी मुनि प्रतीक कुमार जी एवं मुनि मोक्ष कुमार जी विशेष रूप से उपस्थित थे। बोरदिया परिवार सेवा में तत्पर है। मुनिश्री का संथारा उत्तरोत्तर प्रवर्धमान है। सभा मंत्री योगेश चंडालिया ने बताया कि जयाचार्य भवन में संथारे की अनुमोदना में निरंतर जप, तप, भजन संध्या हो रही है। तेरापंथ सभाध्यक्ष जसराज चोरड़िया चिकित्सा प्रभारी गौतम दुगड़, भिक्षु विहार के अध्यक्ष दिलीप मेहता आदि का सराहनीय सहयोग मिल रहा है। संथारा ग्रहण मुनि शांति प्रिय के दर्शनार्थ श्रावक समाज की चहल-पहल परे दिन रहती है।
तेरापंथ सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेयुप, टीपीएफ, अणुव्रत समिति ये सभी संस्थाएँ अपने कर्तव्य के प्रति पूर्ण जागरूक हैं। संथारा शुभ भावों के साथ अतिशीघ्र आत्मोत्थान को प्राप्त हो ऐसी मंगलकामनाएँ की जा रही हैं। बच्चों, महिलाओं, युवकों ने संथारे के उपलक्ष्य में कुछ संकल्प ग्रहण किए हैं। आपका संथारा उच्च भावों के साथ प्रवर्धमान हो।