दार्शनिक संत आचार्य महाप्रज्ञ ने जग को दिए कई अवदान

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दार्शनिक संत आचार्य महाप्रज्ञ ने जग को दिए कई अवदान

सरदारपुरा
जैन तेरापंथ धर्मसंघ के दसवें आचार्य, महान दार्शनिक, महान साहित्कार, प्रेक्षाध्यान और जीवन विज्ञान के संवाहक आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के 104वें जन्मदिवस का आयोजन तेरापंथी सभा सरदारपुरा द्वारा आयोजित किया गया। अभिवंदना कार्यक्रम के अंतर्गत तेरापंथ भवन, अमरनगर में आयोजित हुए इस कार्यक्रम का मंगलाचरण वरिष्ठ श्रावक जगदीश धारीवाल द्वारा गीत के संगान से हुआ। साध्वी किरणयशाजी व साध्वी चारित्रप्रभाजी द्वारा सामूहिक गीतिका का संगान किया गया।
तेरापंथी सभाध्यक्ष सुरेश जीरावला, तेयुप सरदारपुरा अध्यक्ष कैलाश जैन ने वक्तव्य द्वारा अभिवंदना की, वहीं तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल ने सामूहिक गीत द्वारा आचार्यश्री के प्रति अपनी श्रद्धा अभिव्यक्त की। सरिता बैद ने गीतिका व नन्ही बालिका सिद्धिका छल्लाणी ने महाप्रज्ञ अष्टकम्‌‍ की प्रस्तुति दी। साध्वी कुंदनप्रभाजी ने अपने उद्बोधन में फरमाया कि आचार्यश्री महाप्रज्ञ ने अपने अवदानों से मानव मात्र को संपोषित किया। शांति की मिसाईल की बात कर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के ह्रदय को झकझोरा तो प्रेक्षाध्यान और जीवन विज्ञान से जनमानस के जीवन को विकसित किया। साध्वी विद्युतप्रभाजी ने बताया कि कैसे टमकोर जैसे छोटे गांव में जन्में बालक ने पूरे जग को उजियारा दिखाया। आपने गुरु तुलसी के प्रति पूर्ण समर्पित होकर स्वयं के जीवन को ज्ञान के भंडार से भरा। आपका गुरु के प्रति समर्पण अद्वितीय था। आप प्रखर वक्ता, सुदीर्घ चिंतक, महान दार्शनिक, महान साहित्यकार थे।
आपने अपने कुशल लेखन से हिंदी साहित्य को समृद्ध करने के साथसाथ जन मानस को महान साहित्य देने का कार्य किया। कोरा अध्यात्म और कोरा विज्ञान जीवनधारा को नही बदल सकता यह बात रखकर धर्म को वैज्ञानिकता के साथ जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके जन्मदिवस पर उनके अवदान जनमानस के जीवन का अंग बने, यही मंगलकामना। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री महावीर चौपड़ा ने किया। कार्यक्रम में तेरापंथी सभा सरदारपुरा, युवक परिषद, महिला मंडल के पदाधिकारी व सदस्यों की उपस्थिति रही।