पापविनाशक भक्तामर स्तोत्र का अनुष्ठान

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पापविनाशक भक्तामर स्तोत्र का अनुष्ठान

ग्रीन पार्क, दक्षिण दिल्ली।
साध्वी डॉ0 कुंदनरेखा जी के सान्निध्य में तेयुप के तत्त्वावधान में ‘पापविनाशक भक्तामर स्तोत्र का मंगलमय अनुष्ठान’ किया गया। साध्वी कुंदनरेखा जी ने कहा कि आचार्य मानतुंग द्वारा रचित, आद्य प्रभु ऋषभदेव के श्रीचरणों में गहन समर्पण से उद्भूत यह स्तोत्र महाप्रभावकारी है। दुखों का आलय इस संसार में इस स्तोत्र द्वारा आधि, व्याधि और उपाधि का शमन कर समाधि में प्रवेश किया जा सकता है। वर्तमान में लाखों-लाखों जन चेतनाएँ ‘भक्तामर स्तोत्र’ का प्रतिदिन संगान करती हैं। कई अजैन भक्तों ने परमनिष्ठा के साथ इस स्तोत्र की साधना पर अनेकों का उपचार किया है, कर रहे हैं। तेयुप, दिल्ली हर वर्ष साधु-साध्वियों के सान्निध्य में अनुष्ठान करवाती है और सैकड़ों श्रावक इससे लाभान्वित होते हैं।
तेयुप के सदस्यों द्वारा विजय गीत का संगान किया गया। तेयुप मंत्री अमित डूंगरवाल ने अपने संगठन की प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला। दक्षिण दिल्ली अध्यक्ष हीरालाल गेलड़ा, मंत्री यश बरमेचा ने तेयुप को धन्यवाद दिया। तेरापंथ सभा, दिल्ली के अध्यक्ष सुखराज सेठिया ने कार्यक्रम की सराहना की। साध्वी डॉ0 कुंदनरेखा जी, साध्वी सौभाग्ययशा जी, साध्वी कल्याणयशा जी एवं साध्वी कर्तव्ययशा जी द्वारा भक्तामर स्तोत्र का शुद्ध उच्चारण एवं उनके अंतर्गत मंत्र-रिद्धि आदि बीजयंत्रों का स्पष्ट उच्चारण कर सारी परिषद में सुंदर कवच का निर्माण किया। इस अवसर पर लगभग 10 जोड़े एवं अन्य अनेकों एकल भाई-बहनों ने उत्साह से भाग लिया अर्थात् साधिक 200 भाई-बहनों की उपस्थिति रही। तेयुप, दिल्ली की ओर से साउथ-दिल्ली संयोजक करण सेठिया ने आभार ज्ञापन किया।