अभातेयुप के तत्वावधान में स्थानीय शाखा परिषदों द्वारा मंत्र दीक्षा के विविध आयोजन
जसोल
शासनश्री साध्वी कमलप्रभाजी के सान्निध्य में पुराना ओसवाल भवन में तेरापंथ युवक परिषद द्वारा मंत्र दीक्षा का आयोजन हुआ। शासनश्री साध्वी कमलप्रभाजी ने मंगल उद्बोधन में कथानक के द्वारा सरल शब्दों में रोचक ढंग से बच्चों को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि नियमित रूप से प्रतिदिन नवकार महामंत्र का जप, चारित्रात्माओं के दर्शन, ज्ञानशाला में जाना, सत साहित्य का पठन इन सबके द्वारा जीवन का सुंदर निर्माण संभव है। साध्वीश्री ने अभिभावकों को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि बच्चे सहज, सरल, कोरे कागज के समान होते हैं। बच्चों के जीवन निर्माण के लिए संस्कार निर्माण पर ध्यान दें, यह आवश्यक है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों के मंगलाचरण से हुआ। त्रिपदी वंदना दिव्यांश ढ़ेलडिया ने करवाई। साध्वी आरोग्ययशाजी ने वीतराग का विज्ञान विषय पर चार गति, आठ कर्म व भाव शुद्धि पर विस्तृत जानकारी दी साथ ही वर्तमान में संस्कारों की उपयोगिता पर बल देते हुए मंत्र दीक्षा के कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। ज्ञानशाला के बच्चांे द्वारा कम्प्यूटर पर आधारित मंत्र दीक्षा की उपयोगिता पर बल प्रदान करने वाली एवं लघुनाटिका प्रस्तुत की गई। ‘अर्हम अर्हम की वंदना फले’ गीत पर बच्चांे ने सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में 14 बच्चों ने मंत्र दीक्षा ग्रहण की। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष उषभराज तातेड़, ज्ञानशाला प्रभारी संपतराज चौपड़ा, ज्ञानशाला मुख्य प्रशिक्षिका चंदा देवी चौपड़ा सहित वक्ताओ ने विचार व्यक्त किये। तेयुप कोषाध्यक्ष अभिनदंन ने अभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन तेयुप अध्यक्ष मनीष बोकड़िया ने किया।