मासखमण तप अभिनंदन के विविध आयोजन
सिकंदराबाद
तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ मंगल- प्रज्ञाजी के पावन सान्निध्य में मौन के साथ मासखमण साधक अत्तापुर प्रवासी श्रावक कमल कुमार बैद का अभिनंदन एवं अनुमोदन कार्यक्रम श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद के तत्वावधान में आयोजित हुआ। उपस्थित विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने कहा- ‘जैन साधना पद्धति में तप का अपना विशेष स्थान है। तप साधना करने वाले जिन शासन के साधु साध्वियों एवं श्रावक-श्राविकाओं का इतिहास भी बड़ा बेजोड़ है। तपस्या व्यक्ति के कर्मों को तो हल्का करती है। तपस्वी का आभामंडल तेजस्वी बन जाता है। तप किरणें वातावरण को ऊर्जामय बना देती हैं। तपस्या के द्वारा धर्म संघ की नीवें गहराती है। तन और मन स्वस्थ बनता है, समाधिस्थ बनता है।’
साध्वीश्रीजी ने आगे कहा कि आज भाग्यनगर में मासखमण के साथ मौन की आराधना करने वाले श्रावक कमल कुमार जी ने साहस का परिचय दिया है। तप की दिव्य साधना के लिए प्रबल संकल्प की जरूरत है, आत्मिक शौर्य की जरूरत है। तप की छैनी से व्यक्ति कर्मों के लोहबंधन को काटने में समर्थ होता है। तपस्या ऐसी चिकित्सा है, जो मात्र शारीरिक ही नहीं भावनात्मक और मानसिक रोगों से भी निजात दिलाती है। अनुभवात्मक आनंद प्रदान करती है।
साध्वी राजुलप्रभाजी ने मंगलाचरण किया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष बाबूलाल बैद ने तपस्वी का हार्दिक वर्धापन करते हुए तप अभिनंदन पत्र का वाचन किया। मंत्री सुशील संचेती ने साध्वी प्रमुखाश्रीजी द्वारा प्रेषित संदेश का वाचन किया। महिला मंडल अध्यक्षा कविता आच्छा एवं तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष निर्मल दुगड़ ने अभिनंदन स्वर प्रस्तुत किए। मासखमण साधक की पुत्री प्रभा नाहटा ने स्वरचित कविता के द्वारा अपने पिताश्री को वर्धापित किया। तेरापंथ सभा के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार सुराणा ने अपने भाव व्यक्त किये। तपस्या के अनुमोदन में साध्वीवृंद ने समूह गीत प्रस्तुत किया। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा मासखमण तप अभिनंदन पपेट शो कार्यक्रम दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहा। तेरापंथ सभा के वर्तमान अध्यक्ष एवं मंत्री सहित निवर्तमान अध्यक्षों एवं तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद द्वारा तपस्वी का सम्मान किया गया। साध्वीश्री ने तपस्वी भाई को तपस्या का प्रत्याख्यान करवाया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सुदर्शनप्रभाजी ने किया।