मासखमण तप अभिनंदन के विविध आयोजन

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मासखमण तप अभिनंदन के विविध आयोजन

साउथ कोलकाता
मुनि जिनेशकुमारजी के सान्निध्य में तथा तेरापंथी सभा के तत्वावधान में मासखमण तप अभिनंदन का कार्यक्रम तेरापंथ भवन में समारोहपूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश- कुमारजी ने कहा आत्म साधना के चार सूत्र है- दान, शील, तप, भावना। तप भारतीय संस्कृति का प्राण तत्व है। तप साधना का उजला पक्ष है। तप संयम का शिखर है। तप इन्द्रिय विजय का सुगम पथ है। तप अध्यात्म का महान अनुष्ठान है और जीवन के उत्थान का मार्ग है। तप पुरस्कार के लिए नहीं प्रकाश के लिए करना है। यश, कीर्ति के लिए नहीं निर्जरा के लिए करना चाहिए। बहिन दुर्गा जयंतीलाल भंसाली व पद्मावती जितेन्द्र बोथरा ने मासखाण की तपस्या करके नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नम्रता भंसाली ने भी अठाई तप का प्रत्याख्यान कर मासखमण तप की अनुमोदना की।
इस अवसर पर बाल मुनि कुणालकुमारजी ने तप गीत का संगान किया। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी द्वारा तपस्वियों को प्रदत्त संदेश का वाचन क्रमशः महासभा के पूर्व मुख्य न्यासी भंवरलाल बैद व सभा के मंत्री कमल सेठिया ने किया। तप अभिनंदन पत्र का वाचन साउथ कोलकाता तेरापंथी सभा के अध्यक्ष विनोद चोरड़िया ने किया। तप अनुमोदना में हुकमीचंद डागा, नम्रता भंसाली ने अपने विचार व्यक्त किये। भंसाली परिवार व बोथरा परिवार की बहनों के द्वारा तप अनुमोद‌ना गीत प्रस्तुत किया गया। मासखमण तपस्विनी दुर्गादेवी भंसाली एवं पद्मावती बोथरा का साउथ कलकत्ता तेरापंथी सभा द्वारा अभिनंदन पत्र, मोमेन्टो व संदेश पत्र प्रदान कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंदजी ने किया।