बारह व्रत कार्यशालाओं के विविध आयोजन

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बारह व्रत कार्यशालाओं के विविध आयोजन

साहूकारपेट, चेन्नई
साध्वी लावण्यश्रीजी के सान्निध्य में सुशीला देवी चोरड़िया ने दूसरे मासखमण का प्रत्याख्यान किया। साध्वीश्री ने तप के महत्व को बताते हुए कहा- ‘तप के क्षेत्र में शूरवीर ही कदम बढाते हैं। जो हिम्मत से, साहस से, मनोबल से, धृतिबल से, आत्मबल से अपने आपको तोलते हैं, वे वीर व्यक्ति तप के रण मे बाजी जीत जाते हैं। सुशीला चोरड़िया ने अपने आपको तोला और मासखमण कर लिया।’
तपस्विनी बहिन के तप की अनुमोदना में साध्वी सिद्धान्तश्रीजी एवं साध्वी दर्शितप्रभाजी ने गीत की प्रस्तुति दी। श्रीकान्त चोरड़िया एवं चोरड़िया परिवार की बहन-बेटियांे ने भावों की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभाध्यक्ष उगमराज सांड, हिमानी आच्छा, रीमा सिंघवी, किरण मेहता, तेयुप अध्यक्ष दिलीप गेलडा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। साध्वी प्रमुखाश्रीजी के संदेश का वाचन देवीलाल हिरण ने किया। साध्वीश्री के सान्निध्य में 3 व्यक्तियों ने एकासन मासखमण का भी प्रत्याख्यान किया। तप से तप का अनुमोदन में भाई-बहनों ने पंचोला, चोला, तेला एवं एकासन मासखमण के संकल्प ग्रहण किये। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी दर्शितप्रभाजी ने किया।