माईड फुलनेस सेमिनार का आयोजन
दक्षिण दिल्ली, ग्रीनपार्क
साध्वी कुन्दनरेखाजी के पावन सान्निध्य में माईड फुलनेस सेमिनार का भव्य आयोजन हुआ। ‘योगा से ही होगा’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए साध्वी कुन्दनरेखाजी ने कहा- ‘योग चित्त शुद्धि का उपाय है! मन-वचन-काय की स्थिरता का आधार है। आधि-व्याधि और उपाधि का निवारक एवं समाधिदायक है! प्रेक्षाध्यान के द्वारा तनाव मुक्ति एवं अन्तःशक्ति को उद्घाटित किया जा सकता है। इस योग शब्द में अनेकों प्रयोगों का समाहार होता है। श्वास प्रेक्षा, कायोत्सर्ग, प्राणायाम और यौगिक क्रियाओं के साथ चैतन्य केन्द्रों अर्थात् ऊर्जा केन्द्रों को एक्टिव किया जा सकता है। मुद्राओं और ध्वनियों के द्वारा भी चक्रास एक्टिव होते हैं। वर्तमान युग समस्या बहुल युग है। समस्याओं का निवारण बाहर में खोजा जा रहा है, लेकिन समाधान भीतर है, इसलिए आज की कार्यशाला का आगाज़ है- ‘योगा से ही होगा।’ साध्वी सौभाग्ययशाजी ने ‘योगा से ही होगा’ कार्यशाला का एक सक्षम एवं पहला प्रभावी प्रयोग कायोत्सर्ग में अघोयात्रा, मध्य यात्रा और उर्ध्वयात्रा के द्वारा जन चेतना को झंकृत कर दिया। इस अवसर पर एक गीत का संगान कर समा बांध दिया। साध्वी कल्याणयशाजी ने मुद्राओं की जानकारी देने से पूर्व आकाश, अग्नि, वायु, पृथ्वी और जल पाँच तत्वों की जानकारी दी तथा इनसे होने वाली विभिन्न प्रकार की प्रकार की मुद्राओं को प्रेक्टिकल करा कर, उनसे होने वाले लाभ पर भी प्रकाश डाला। साध्वी कुन्दनरेखाजी ने ध्वनितंत्र के अन्तर्गत बीजमंत्रों को रोग निवारक एवं समाधि दिलाने वाले बताते हुए उसके साथ श्वासप्रेक्षा, यौगिक क्रियाओं द्वारा भी सदन को नया संदेश दिया।
प्रेक्षागीत से कार्यक्रम का प्रारंभ तेरापंथ महिला मण्डल दक्षिण दिल्ली द्वारा किया गया। दक्षिण दिल्ली युवती बहिनों द्वारा गीत का संगान किया गया। दक्षिण दिल्ली अध्यक्ष हीरालाल गेलडा ने सबका स्वागत और आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में गोबिंद बाफना, सायर बैंगानी सहित सभा के पदाधिकारीगण, महिला मंडल, तेयुप, ज्ञानशाला सभी का सहयोग रहा। भाई-बहिनों की उपस्थिति बहुत ही सराहनीय रही।