तप अभिनंदन समारोह

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तप अभिनंदन समारोह

कानपुर
साध्वी संगीतश्रीजी के पावन सान्निध्य में तपस्वी भाई अजीत चोरड़िया के 15 की तपस्या और तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष दिलीप मालू के 9 की तपस्या के अनुमोदन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ साध्वीश्रीजी के महामंत्रोचार से हुआ। तेरापंथ महिला मंडल ने मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। तेरापंथी सभा अध्यक्ष धनराज सुराणा, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा शालिनी बुच्चा, पूनमचंद सुराणा, हर्ष बोथरा, ऋतु जैन एवं प्रियंका भूतोड़िया ने तपस्वियों की अनुमोदना में अपने विचार और गीतिका प्रस्तुत की। तपस्वी दिलीप मालू के परिवार की ओर से माणकचंद मालू, प्रभा मालू, कौशल, कुशाग्र मालू और बहन बबीता मणोत ने अपने विचार रखे। साध्वी मुदिताश्रीजी ने अपने वक्तव्य में कहा कि तपस्वी भाइयों से प्रेरणा लेकर प्रत्येक परिवार में तपस्या की जोत जलानी चाहिए। साध्वी शांतिप्रभाजी ने एक मधुर गीतिका का संगान किया। साध्वी कमलविभाजी ने कहा कि कर्मों की निर्जरा का मार्ग है तपस्या। काया तपती है तो अंदर से कर्म नष्ट होते हैं। साध्वी संगीतश्रीजी ने कहा कि आगमों में भी तप की बहुत महिमा बताई गई है। जो तपस्वी का अनुमोदन करता है, वह भी निर्जरा करता है। रसनेंद्रियों पर नियंत्रण रखना कोई सरल बात नहीं है। साध्वीश्रीजी ने श्रावक-श्राविकाओं को तप के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। तपस्वियों को तेरापंथी सभा द्वारा प्रशस्ति पत्र और साहित्य प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री संदीप जम्मड ने किया।