‘पवित्र रिश्ता, सात फेरों का’ दंपति कार्यशाला
विजयनगर-बेंगलुरु
तेरापंथ भवन में मुनि दीपकुमारजी के सानिध्य में ‘पवित्र रिश्ता, सात फेरों का-दंपति कार्यशाला’ का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद विजयनगर द्वारा हुआ, जिसमें प्रशिक्षक मुकेश भंडारी रहे। 37 दंपतियों ने कार्यशाला में संभागिता दर्ज की। मुनि दीपकुमारजी ने कहा- ‘भारतीय संस्कृति में दांपत्य जीवन आदर्श परंपरा रही है। दंपति परिवार की संपत्ति है। दांपत्य जीवन में आज दरार पड़ रही है, टूटन आ रही है। दांपत्य जीवन शांतिपूर्ण रहे, इसके लिए विश्वास, समय, संवाद, धन्यवाद, सहिष्णुता का होना जरूरी है। रिश्तों की मजबूती के लिए विश्वास एक आधार स्तंभ होता है। विश्वास नहीं है तो सात फेरों का संबंध टूटने में 7 मिनट की भी देरी नहीं लगती। रिश्तों में एक-दूसरे के लिए समय समर्पित करना अपेक्षित होता है। संवाद से समस्याओं का समाधान हो सकता है। धन्यवाद का भाव बना रहना चाहिए। सहनशीलता रिश्ते की अखंडता के लिए सबसे जरूरी है। दांपत्य जीवन में एक-दूसरे के प्रति आदर का भाव रखना चाहिए।’
प्रशिक्षक मुकेश भंडारी ने संवाद, आदर, समय, धैर्य, अपेक्षा के संदर्भ में बताते हुए टकराव से बचने की बात कही एवं अनूठे तरीके से सभी युगलों को एक्टिविटीज कराई। वीडियो एवं वार्तालाप के माध्यम से दांपत्य जीवन में सफलता की बातें बताई। हास्य एवं एक्टिविटी का समावेश भी हुआ। कार्यक्रम में तेयुप अध्यक्ष राकेश पोखरना ने स्वागत भाषण दिया। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष मंजु गादिया ने शुभकामनाएं व्यक्त की। प्रशिक्षक का परिचय संयोजक संजय भटेवरा ने दिया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री कमलेश चोपड़ा ने किया। आभार ज्ञापन संगठन मंत्री पवन बैद ने किया।