तप अभिनंदन के विविध आयोजन
शाहदरा,दिल्ली
साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में ओसवाल भवन में सोनू-विनोद बैद का मासखमण तपोभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा- ‘पल-पल को आत्मानंद उपलब्ध कराने वाली बसंती बहार है- तपस्या। जिन शासन का शंृगार है- तपस्या। तेरापंथ का आधार है-तपस्या। सत्यं, शिवं, सुन्दरं का द्वार है- तपस्या। जीवन गुलशन की बहार है-तपस्या। कर्म-निर्जरा का सशक्त सोपान है- तपस्या। जैन धर्म का प्राण तत्त्व है- तपस्या। चातुर्मास का समय तप ज्योति के द्वारा आत्मज्योति को प्रज्ज्वलित करने का समय है। शाहदरा में गुरुदेव की कृपा से बारिश की झड़ी के साथ तपस्या की महाझड़ी लगी हुई है। तपस्या के इसी क्रम में आज इस भवन में मासखमण तप उत्सव समायोजित हो रहा है।’
साध्वीश्रीजी ने कहा कि मासखमण तप साधिका सोनू-विनोद बैद ने मासखमण कर बैद परिकर में नव इतिहास का सृजन किया है। गुरुवर की ऊर्जा से, हमारी प्रेरणा से, स्वयं के आत्मबल, मनोबल एवं संकल्प बल तथा परिवार के सहयोग से आज इसने अपने लक्ष्य को पूर्ण किया है। तपस्विनी बहन तप के पथ पर निरन्तर बढ़ती रहे। साध्वी डॉ. सुधाप्रभाजी ने कहा- ‘आत्मानंदी व सहजानंदी बनाने वाली धरोहर का नाम है- तपस्या। तप रूपी आत्म संपदा से संपन्न बनने वाली बहन सोनू के मासखमण का हार्दिक अनुमोदन है।’ साध्वीवृंद ने सत्रह पद्यों के गीत का संगान कर पूरी परिषद् को हर्षविभोर कर दिया।
तेरापंथी सभा दिल्ली अध्यक्ष सुखराज सेठिया, तेरापंथी सभा शाहदरा अध्यक्ष पन्नालाल बैद, तेममं दिल्ली मंत्री यशा बोथरा, तेयुप दिल्ली उपाध्यक्ष राकेश बैंगानी, महासभा कार्यसमिति सदस्य मन्नालाल बैद, ओसवाल समाज अध्यक्ष आनन्द बुच्चा, विनोद बैद, सुभाष संचेती, महक बैद एवं अभातेयुप पूर्व सहमंत्री सुरेन्द्र सेठिया ने तपस्विनी के तप की अनुमोदना की। तपस्विनी बहिन के पारिवारिक सदस्य सुमति बैद ने श्रद्धेया साध्वी प्रमुखाश्रीजी के संदेश का वाचन कर तपस्विनी बहन को उपहृत किया।