पैंसठिया यंत्रा अनुष्ठान

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पैंसठिया यंत्रा अनुष्ठान

भीनासर
तेरापंथ भवन, भीनासर में पैंसठिया यंत्र और छन्द अनुष्ठान का आयोजन हुआ। मुनि चैतन्यकुमार अमन के सान्निध्य में होने वाले इस अनुष्ठान में श्रावक समाज को संबोधित करते हुए मुनिश्री ने कहा- ‘आस्था के साथ किया गया मंत्र अनुष्ठान तत्काल फलदायी होता है क्योंकि इसमें साधक के पास आत्म शक्ति, मंत्र शक्ति और इष्ट शक्ति तीनों काम करती है। यद्यपि मंत्र जाप निष्काम होना चाहिए सकाम नहीं। इस पैंसठिया अनुष्ठान से ऋद्धि, सिद्धि, लब्धि, निधि और समाधि सभी तरह के लाभ संभावित है। जप योग से सुदृढ़ रक्षा कवच बनने पर दुष्ट शक्तियों से बचाव हो जाता है।’
मुनि अमन ने कहा कि ‘यंत्र-तंत्र-मंत्र जप के महाफल को छोटे-छोटे कार्यों तथा भावों के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। ऐसा करने से महाफल व अलौकिक फल खो जाता है। मंत्र जप के साथ जैसी भावना होती है वैसी ही सिद्धि होती है। मंत्र जप के साथ एकाग्रता, पवित्रता और प्रसन्नता हो तो उसका परिणाम स्वतः विशिष्टतम हो जाता है। चित्त की निर्मलता से शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व भावनात्मक दृष्टि से लाभान्वित होना ऐसे अनुष्ठान के प्रयोग से संभव है बशर्ते उसमें निरन्तरता हो, विधि-विधान पूर्वक हो तो आज भी अनेक चमत्कार घटित हो सकते हैं।’ इस अवसर पर श्रावक संबोध प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए गये, जिसमें मोनिका सेठिया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर चन्दा बैद व सुनीता डागा संयुक्त रही एवं तृतीय स्थान पर सुशीला गोलछा रही।