ग्रह नक्षत्रों का जीवन पर प्रभाव

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ग्रह नक्षत्रों का जीवन पर प्रभाव

टापरा
तेरापंथ भवन, भिक्षु सभागार में ‘ग्रह नक्षत्रों का जीवन पर प्रभाव’ विषय पर आयोजित विशेष प्रवचन के दौरान मुनि जयकुमारजी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिसके आचार, विचार व आहार शुद्ध है, वही श्रेष्ठ है। यह तीनों तत्व जिसके नियंत्रण में है, ग्रह नक्षत्र उसके नियंत्रण में है। जिनका आचार, विचार और आहार सही है, उसके जीवन पर ग्रह नक्षत्रों का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता, और यदि पूर्वकृत कर्मों के परिणाम स्वरूप कुछ प्रतिकूलता आ भी जाए तो वह उससे पार भी पा लेता है।
मुनिश्री ने कहा कि व्यक्ति पुरुषार्थ से अपना भाग्य बदल सकता है अर्थात व्यक्ति स्वयं अपने भाग्य का निर्माता है। इंसान की संकल्प शक्ति होनी चाहिए। मुनिश्री ने नौ ग्रहों का मानव जीवन से संबंध व उसके प्रभाव का विस्तार से विवेचन किया। मुनिश्री ने कहा कि व्यक्ति अच्छे कर्म करे, पुरुषार्थ करे, व आचार-विचार तथा आचार पवित्र रखे तो ग्रह नक्षत्र व्यक्ति के अनुसार चलेंगे न कि व्यक्ति ग्रह नक्षत्र के अनुसार। जिसकी आवश्यकता कम होगी वह उतना ही सुखी होगा। इस विशेष पाथेय से लोगों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली और कई भ्रांतियां दूर हुई। इस कार्यक्रम में उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने इस विशेष प्रेरणा पाथेय को श्रवण कर ज्ञान व धर्म का लाभ प्राप्त किया।