बारह व्रत कार्यशाला के विविध आयोजन

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बारह व्रत कार्यशाला के विविध आयोजन

उधना
मुनिश्री उदितकुमारजी के सान्निध्य में तेयुप उधना द्वारा बारह व्रत स्वीकरण कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। मुनि उदितकुमारजी ने गणाधिपति पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी के द्वारा रचित बारह व्रत गीतिका के संगान के साथ कार्यशाला की शुरुआत की। मुनिश्री ने उपस्थित सभी श्रावक समाज को व्रत का महत्व बताते हुए कहा कि कितने ही व्रत ऐसे हैं, जो हम अनजाने में पालन कर रहे हैं लेकिन हमने स्वीकार नहीं किये हैं। मुनिश्री ने बताया कि व्रत का पालन वही कर सकता है, जिसका संकल्प दृढ़ हो। जो श्रावक बारह व्रत को धारण करता है वही भगवान महावीर का श्रावक कहलाता है। मुनिश्री ने उपस्थित सभी को करण एवं योग के बारे में सविस्तार समझाया। अधिक से अधिक श्रावक समाज इसमें जुड़े ऐसी प्रेरणा दी। इस कार्यशाला में अभातेयुप टीम के सदस्य, उधना तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ महिला मंडल के पदाधिकारीगण एवं श्रावक-श्राविका समाज की उपस्थिति रही।