बारह व्रत कार्यशाला के विविध आयोजन

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बारह व्रत कार्यशाला के विविध आयोजन

मालेगांव
साध्वीश्री पुण्ययशाजी के सान्निध्य में सप्तदिवसीय बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में किया गया। साध्वी पुण्ययशाजी ने अपने मंगल उद्‌बोधन में कहा- बारह व्रत बारह गहने हैं। जिस प्रकार हीरा डालने से डब्बी की कीमत बढ़ जाती है उसी प्रकार जीवन रूपी डब्बी में बारह व्रत रूपी गहने डालने से जीवन की कीमत बढ़ जाती है। मोक्ष मंजिल तक पहुंचने के दो मार्ग है एक हाइवे पथ है दूसरा नॉर्मल पथ है। हाइवे पथ है अनगार धर्म और नॉर्मल पथ है आगार धर्म। सुखी बनने के लिए साधक सम्यक् पुरुषार्थ करें अर्थात श्रावक के बारह व्रतों को धारण करें, जो उन्हें मोक्ष मार्ग पर ले जाते हैं। मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष प्रवीण सालेचा ने बारह व्रत के बारे में अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। साध्वी नियतिप्रभाजी ने श्रावक व्रत धारो रे गीत का संगान किया। पीयूष छाजेड़, शांतिलाल तातेड़, कल्पेश कांकरिया, प्रवीण सालेचा ने बारह व्रत के बैनर का अनावरण किया। मंच का संचालन प्राची छाजेड़ ने किया। इस अवसर पर सभा के मंत्री मदनलाल कांकरिया, महेन्द्र निर्मल छाजेड़, कान्तिलाल सालेचा, महिला मंडल से पिंकी सालेचा, राजल कांकरिया, विमला कांकरिया, सरोज भंसाली, राधा चोपड़ा, सायर भटेरा आदि महानुभाव उपस्थित थे।