नवरंगी तप प्रत्याख्यान समारोह
जलगांव
मुनि आलोककुमारजी आदि के पावन सान्निध्य में नवरंगी तप प्रत्याख्यान समारोह का भव्य आयोजन जलगांव में किया गया, जिसके तहत सामूहिक प्रत्याख्यान का कार्यक्रम महेश प्रगति भवन में आयोजित किया गया। इस नवरंगी तप अनुष्ठान में जलगांव व आसपास के क्षेत्रों से लगभग 156 भाई बहनो ने तपस्या की। जिसमें ममता आंचलिया ने 41 की तपस्या, चंदा लोढ़ा ने 25 की तपस्या, रानी गेलडा ने 13 की तपस्या, अदिति मेहता ने 11 की तपस्या तथा नवरंगी तप के अंतर्गत 1 से 9 तक की तपस्या के साथ कुल 156 भाई-बहिनें उपस्थित हुए। भुसावल से विशेष रूप से 9 से लेकर उपवास तक की पूरी तपस्या की एक लड़ी के साथ तपस्वी भाई-बहिनें उपस्थित हुए थे। सभी तपस्वियों का अभिनंदन पत्र से सम्मान किया गया।
मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। तेरापंथ महिला मंडल की बहिनों ने सुमधुर स्वागत गीत का संगान किया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष जितेंद्र चौरड़िया, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष निर्मला छाजेड़, तेयुप अध्यक्ष सुदर्शन बैद, टीपीएफ अध्यक्ष संजय चौरड़िया, ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका विनीता समदड़िया, कन्या मंडल प्रभारी कीर्ति शामसुखा एवं तपस्वियो के परिवार से भी कई परिजनों ने अपने मनोभाव व्यक्त किये। तेरापंथी सभा की ओर से भिक्षु भजन मंडली ने तपस्वियो के स्वागत में संगीत के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त की। तपस्वी संत मुनि लक्ष्यकुमारजी ने अपने मंगल उद्बोधन में तप की महत्ता विषय पर उपस्थित जन समुदाय को सरल भाषा में समझाया। मुनि हिमकुमारजी ने सुमधुर गीत के माध्यम से सभी तपस्वियों के नामों का उल्लेख करते हुए उनके तप की अनुमोदना की।
मुनि आलोककुमारजी ने अपने प्रेरणा पाथेय में फरमाया कि तप मोक्ष का द्वार है, आत्मा का उद्धार करने वाला है। तप, त्याग का जैन धर्म में विशेष महत्व है। तप और तपस्वियों का स्वागत है। मुनिश्री ने तपस्वियों को मनोबल बनाए रखने व साता हो तो ओर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, जिसका उपस्थित जनसमुदाय पर काफी सकारात्मक असर पड़ा। इस नवरंगी तप प्रत्याख्यान समारोह पर आसपास के क्षेत्रों से व जलगांव से काफी बड़ी संख्या में भाई-बहन उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभा के मंत्री नीरज समदड़िया एवं सभी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने श्रम का नियोजन किया। कार्यक्रम का संचालन ठाकरमल सेठिया ने एवं आभार ज्ञापन राजकुमार सेठिया ने किया।