‘कैसे करें राष्ट्र व संघ की सेवा’ कार्यक्रम

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‘कैसे करें राष्ट्र व संघ की सेवा’ कार्यक्रम

गुवाहाटी
साध्वी स्वर्णरेखाजी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में तथा सभी संघीय संस्थाओं के सहयोग से ‘कैसे करें राष्ट्र व संघ की सेवा’ कार्यक्रम स्थानीय तेरापंथ धर्मस्थल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि असम राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया थे। साध्वीश्रीजी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए फरमाया- ‘राष्ट्र एवं संघ की सेवा के लिए नैतिकता, आचार शुद्धि, चारित्र शुद्धि के साथ संयम की दृष्टि को अपनाना होगा। संयमी व्यक्तित्व ही आत्मसेवी के साथ देश सेवी बन सकता है। पुरुषार्थ की गाथा रचने वाले पूज्य गुरुदेव अपनी पदयात्रा अणुव्रत यात्रा के दौरान मानव को मानव बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं, जो राष्ट्र एवं संघ की सेवा कर सकते हैं।’
मुख्य अतिथि राज्यपाल कटारिया ने कहा कि संयमित जीवन राष्ट्र व संघ की सेवा में सहायक होता है। आप अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाकर राष्ट्र व संघ की सेवा कर सकते हैं। इसका सिंहनाद आचार्यश्री तुलसी ने लगभग 75 वर्ष पूर्व अणुव्रत आंदोलन के माध्यम से किया था। उन्होंने अणुव्रत के छोटे-छोटे नियमों के माध्यम से राष्ट्र व संघ की सेवा करने की पुरजोर घोषणा की थी। अगर व्यक्ति सुधारेगा तो राष्ट्र स्वयं सुधर जाएगा। यह तभी संभव है जब आप अपनी भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाएंगे।
साध्वी सुधांशुप्रभाजी ने अपने विचार वक्तव्य के माध्यम से रखे। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बजरंग कुमार सुराणा ने अपने वक्तव्य के माध्यम से राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया एवं राज्य की प्रथम महिला अनिता कटारिया का तेरापंथ धर्मस्थल में भावभरा स्वागत-अभिनंदन किया। सभा की तरफ से विजय चोपड़ा, बसंत कुमार सुराणा, झनकार दुधोडिय़ा, उत्तमचंद नाहटा एवं अमोलकचंद भंसाली, उपाध्यक्ष पवन जम्मड़, संगठन मंत्री छत्तरसिंह भादानी, वरिष्ठ सहमंत्री राजकुमार बैद एवं कोषाध्यक्ष उम्मेद सेठिया ने राज्यपाल महोदय का स्वागत-अभिनंदन किया।
अनिता कटारिया का तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष अमराव देवी बोथरा, मंत्री ममता दुगड़ एवं कोषाध्यक्ष राजश्री दुगड़ ने स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन सभा मंत्री रायचंद पटावरी ने किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक निलेश पगारिया ने किया।