द पावर आॅफ रीडिंग कार्यशाला का आयोजन
नंदनवन, मुंबई।
आचार्यश्री महाश्रमण जी की सन्निधि एवं साध्वीप्रमुखाश्री विश्रतुविभा जी की प्रेरणा से नंदनवन में ‘द पावर आॅफ रीडिंग’ कार्यशाला का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता साध्वी वीरप्रभा जी ने कहा कि कम करनी होगी अपेक्षाएँ तो गम होगा कम। कैसे छोटी-छोटी चीजों से हम दुःख को आमंत्रित करते हैं। जिंदगी आइसक्रीम की तरह है पिघले उससे पहले एंजाॅय करो। हम स्वयं जिम्मेदार हैं कभी खुशी कभी गम के लिए।
‘द पावन आॅफ रीडिंग’ जैसे जीवन के लिए खाना जरूरी है। पढ़ना एक ऐसी आतद है जो हमें बेहतर इंसान बना सकता है। पढ़ने से हमें ज्ञान और प्रेरणा मिलती है और जीवन में उच्च मार्ग प्रशस्त होते हैं। बहनों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। उड़ान ज्ञान गंगा कार्यशाला की संयोजिका उपाध्यक्ष अल्का मेहता, विशेष सहयोगी अल्का पटावरी, वनीता बाफना, सीमा बाफना एवं ममता कोठारी, कर्तव्य बोध कार्यशाला की संयोजिका कोषाध्यक्ष सुनीता सुतरिया एवं वंदना चपलोत आदि बहनों का विशेष सहयोग रहा, उन्हें सम्मानित किया गया। मंत्री संगीता चपलोत ने कार्यशाला का संचालन किया। मुंबई महिला मंडल की अध्यक्षा विमला कोठारी, पूर्वाध्यक्ष कार्यसमिति सदस्य, संयोजिकाएँ, सह-संयोजिकाएँ आदि बहनों की उपस्थिति रही।